कांग्रेस ने यूपी विधानसभा चुनाव में 40 फ़ीसदी टिकट महिला उम्मीदवारों को देने की घोषणा की

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम चाहते हैं कि महिलाएं पूरी तरह से सत्ता में भागीदार बनें. महिलाएं अगर समाज में बदलाव चाहती हैं तो वे राजनीति में आएं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कांग्रेस अगर महिलाओं को उचित भागीदारी देना चाहती थी तो उसने अपने शासनकाल में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण देने का क़ानून क्यों नहीं बनाया.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम चाहते हैं कि महिलाएं पूरी तरह से सत्ता में भागीदार बनें. महिलाएं अगर समाज में बदलाव चाहती हैं तो वे राजनीति में आएं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कांग्रेस अगर महिलाओं को उचित भागीदारी देना चाहती थी तो उसने अपने शासनकाल में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण देने का क़ानून क्यों नहीं बनाया.

प्रियंका गांधी. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊः उत्तर प्रदेश में पार्टी का खोया जनाधार वापस हासिल करने की जद्दोजहद कर रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारेगी.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ में मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमने तय किया है कि उत्तर प्रदेश के आने वाले विधाससभा चुनाव में 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देगी. हमारी प्रतिबद्धता है कि महिलाएं यूपी राजनीति में पूरी तरह से भागीदार बनें.’

उन्होंने आगे कहा, ‘ये फैसला हमने किसलिए किया क्योंकि जब मैं 2019 के चुनाव में उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए आई थी तो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुछ लड़कियों मुझसे मिली और उन्होंने बताया कि किस तरह हॉस्टल के नियम-कानून उनके लिए अलग है और पुरुषों के अलग. यह निर्णय उन लड़कियों के लिए लिया है.’

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘यह निर्णय हमने उस महिला के लिए लिया है, जिसने गंगा यात्रा के दौरान मेरी नाव को वापस तट पर बुलाकर कहा कि मेरे गांव में पाठशाला नहीं है, मैं अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती हूं, ये निर्णय उस लड़की पारो के लिए लिया गया है, जिसने मेरा हाथ पकड़कर कहा कि दीदी मैं बड़ी होकर नेता बनना चाहती हूं, ये लड़की चंदौली में एयरफोर्स के शहीद पायलट की बहन वैष्णवी के लिए है, जिसने मुझसे कहा कि भाई शहीद हो गए हैं लेकिन वह पायलट बनना चाहती हूं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘ये निर्णय उन्नाव की उस लड़की के लिए है, जिसे जलाया गया, मारा गया और उसकी भाभी आज भी संघर्ष कर रही है. ये निर्णय हाथरस की उस मां के लिए है, जिसने मुझे गले लगाकर कहा कि उसे न्याय चाहिए, उसे न्याय नहीं मिल रहा है. यह निर्णय सोनभद्र में उस महिला के लिए है जिसका नाम किस्मत है, जिसने अपने लोगों के लिए आवाज उठाई. ये यूपी की हर एक महिला के लिए है जो यूपी के आगे बढ़ाना चाहती है.’

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि महिलाएं पूरी तरह से सत्ता में भागीदार बनें. महिलाएं अगर समाज में बदलाव चाहती हैं तो वे राजनीति में आएं और कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ें.’

उन्होंने कहा, ‘इसके पीछे कोई छिपा हुआ अर्थ नहीं है. हम चाहते हैं कि राजनीति में महिलाएं सत्ता में पूर्ण भागीदार बनें. हमने तय किया है कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देगी.’

प्रियंका ने कहा, ‘हमने इसके लिए आवेदन पत्र मांगे हैं. अगले महीने की 15 तारीख तक आवेदन खुला रहेगा. खासतौर से महिलाओं के लिए. जो महिला लड़ना चाहती है, वह मेरे पास आए, उन्हें मौका मिलेगा. हम इस देश की राजनीति, इस प्रदेश की राजनीति बदलेंगे.’

चुनाव सुधारों व लोकतंत्र की मजबूती के लिए काम करने वाले ‘नेशनल इलेक्शन वॉच’ के मुताबिक, साल 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 453 महिला उम्मीदवारों ने किस्मत आजमायी थी, जिनमें से 40 उम्मीदवार चुनी गई थीं. इनमें भाजपा की 34, कांग्रेस और बसपा की दो-दो और अपना दल एवं सपा की एक-एक महिला प्रत्याशी चुनाव जीती थी.

इसके बाद समय-समय पर हुए उपचुनावों के कारण महिला सदस्यों की संख्या बढ़कर 44 हो गई.

विधानसभा की वेबसाइट के मुताबिक, वर्तमान में विधानसभा में भाजपा की 37, कांग्रेस, बसपा और सपा की दो-दो और अपना दल-सोनेलाल की एक महिला विधायक हैं.

इस दौरान प्रियंका ने खुद के चुनावी मैदान में उतरने की संभावना से जुड़े सवाल पर कहा, ‘अभी यह तय नहीं हुआ है, चुनाव में अभी कुछ समय है और मैं इसके बारे में सोचकर फिर फैसला लूंगी.’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘देश को समानता और भागीदारी के रास्ते पर आगे ले जाना है और जाति एवं धर्म की राजनीति से बाहर निकालना है तो महिलाओं को आगे आना होगा.’

प्रियंका ने कहा, ‘यह निर्णय सभी की मंजूरी के साथ लिया गया है, मुख्य सोच यह है कि महिलाओं को जातियों और धर्मों में विभाजित किया जा रहा है और यह एकजुट होकर एक ताकत के रूप में उभरने में विफल हो रही हैं.’

महिलाओं को इतनी अधिक भागीदारी दिए जाने के औचित्य के बारे में पूछे जाने पर प्रियंका ने कहा, ‘मेरा बस चलता तो मैं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें 50 प्रतिशत की भागीदारी देती.’

उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसा हो भी सकता हैं.

इस सवाल पर कि प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा?

उन्होंने कहा, ‘अभी इस पर विचार नहीं किया गया है.’

चुनाव में 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने के फैसले के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने राज्य की कई महिलाओं और लड़कियों का नाम लिया और कहा कि यह उनके लिए और उत्तर प्रदेश की हर महिला के लिए है, जो न्याय, परिवर्तन व एकता चाहती है और यह भी चाहती है कि उसका राज्य प्रगति करता रहे.

उन्होंने भाजपा सरकार की उज्ज्वला योजना पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘राजनीतिक दल सोचते हैं कि वे गैस का सिलेंडर और दो हजार रुपये देकर महिलाओं को खुश कर सकते हैं.’

राजनीतिक दलों के परिवारों की महिलाओं को टिकट देने के सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा, ‘उन्हें यह नहीं लगता कि नेताओं के परिवारों की महिला सदस्यों को चुनाव में खड़ा करना महिलाओं की भागीदारी के नाम पर इतनी बुरी बात है. यह सब इतना बुरा नहीं है, अगर किसी नेता के परिवार की महिला को टिकट दिया जाता है और वह चुनाव लड़कर सक्षम हो जाती हैं.’

यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी को 2022 के चुनावों के लिए मजबूत महिला उम्मीदवार मिलेंगी? इस पर उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने से महिलाएं मजबूत होंगी और पार्टी उन्हें पूरा समर्थन देगी. वह एक नई तरह की राजनीति करना चाहती हैं, उन लोगों के लिए लड़ना चाहती हैं, जो अपनी आवाज उठाने में सक्षम नहीं हैं.

महिलाओं को टिकट देने के ऐलान को लेकर मायावती ने साधा कांग्रेस पर निशाना

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने का ऐलान करने वाली कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस पार्टी की सरकार ने आधी आबादी के कल्याण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए.

मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, कांग्रेस अगर महिलाओं को वाजिब भागीदारी देना चाहती थी तो उसने अपने शासनकाल में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का कानून क्यों नहीं बनाया.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस जब सत्ता में होती है या उसके अच्छे दिन होते हैं तो उसे दलित, पिछड़े व महिलाओं आदि की याद नहीं आती, लेकिन अब जब इनके बुरे दिन नहीं हट रहे हैं तो पंजाब में दलित की तरह यूपी में इनको महिलाएं याद आई हैं. उन्हें 40 प्रतिशत टिकट देने की घोषणा कांग्रेस की कोरी चुनावी नाटकबाजी है.’

उन्होंने कहा, ‘महिलाओं के प्रति कांग्रेस की चिंता अगर इतनी ही वाजिब व ईमानदार होती तो केंद्र में उसकी सरकार ने संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का कानून क्यों नहीं बनाया? कहना कुछ व करना कुछ कांग्रेस का स्वभाव है, जो उसकी नीयत व नीति पर प्रश्नचिह्न खड़े करता है.’

मायावती ने कहा, ‘यूपी व देश में महिलाओं की आधी आबादी है और इनका हित व कल्याण ही नहीं बल्कि इनकी सुरक्षा, आदर-सम्मान के प्रति ठोस व ईमानदार प्रयास सतत प्रक्रिया है, जिसके प्रति मजबूत इच्छाशक्ति जरूरी है, जो कांग्रेस व भाजपा आदि में देखने को नहीं मिलती है जबकि बसपा ने ऐसा करके दिखा दिया है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)