बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने दिल्ली दौरे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल और लेफ्ट नेताओं सहित विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि यह समय वाम दलों, कांग्रेस और सभी क्षेत्रीय दलों को एकजुट कर एक मजबूत विपक्ष का गठन करने का है.
उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि जो राजनीतिक दल देश की एकता, विविधता, इसके अनूठे चरित्र और अपने संविधान की रक्षा करना चाहते हैं, सब साथ आएंगे.’
भाकपा नेता डी. राजा ने कहा कि उन्होंने कुमार के साथ देश के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा की.
उन्होंने नीतीश से मुलाकात के बाद एक ट्वीट में कहा, ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के अधिनायकवादी कुशासन के खिलाफ एकता का ‘भारतीय मॉडल’ आकार ले रहा है. मैंने उन्हें (नीतीश को) मार्क्स और आंबेडकर पर लिखी मेरी पुस्तकों की एक-एक प्रति भी भेंट की.
राजा ने कहा, ‘बिहार में पिछले दिनों हुआ राजनीतिक बदलाव सिर्फ उस राज्य तक ही सीमित नहीं है. देश की राजनीति पर इसका का व्यापक प्रभाव होगा. हमारा मानना है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी वामपंथी दलों और क्षेत्रियों दलों को भाजपा के खिलाफ एक मंच पर आना होगा. नीतीश जी भी यही कोशिश कर रहे हैं.’
केजरीवाल और नीतीश के बीच मुलाकात के दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता संजय झा भी मौजूद थे.
इस मुलाकात के बाद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, ‘मेरे घर पधारने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बहुत-बहुत शुक्रिया. देश से संबंधित कई गंभीर विषयों पर चर्चा हुई – शिक्षा, स्वास्थ्य, ऑपरेशन लोटस, इन लोगों द्वारा खुले आम विधायकों की ख़रीद फ़रोख़्त करके जनता द्वारा चुनी सरकारों को गिराना, भाजपा सरकारों का बढ़ता निरंकुश भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोज़गारी.’
दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच करीब 90 मिनट तक बातचीत हुई. कुमार ने इसके बाद गुड़गांव जाकर ओम प्रकाश चौटाला से मुलाकात की.
भारतीय राष्ट्रीय लोक दल के नेता नफे सिंह राठी ने कहा कि दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि चौटाला ने बिहार के मुख्यमंत्री कुमार को पूर्व प्रधानमंत्री देवीलाल की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया.
इसके बाद कुमार ने मेदांता अस्पताल जाकर मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद नीतीश ने कहा कि सपा की सोच भी विपक्षी एकता की है और सभी मिलकर काम करेंगे.
ज्ञात हो कि नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि भाजपा के खिलाफ बनने वाले किसी भी विपक्षी गठबंधन कांग्रेस और वामपंथी दलों को होना जरूरी है. हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और आम आदमी पार्टी इससे पूरी तरह सहमत नहीं दिख रहे हैं.
जद (यू) के प्रवक्ता केसी त्यागी ने दावा किया कि भाजपा के खिलाफ किसी भी गठबंधन में कांग्रेस और वाम दलों का होना ‘आवश्यक’ है. जद (यू) ने सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने के लिए कुमार को अधिकृत किया है.
प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से जुड़े सवालों को भले ही नीतीश कुमार अधिक तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते रहे हों लेकिन उनकी पार्टी में यह धारणा है कि इस समय वह विपक्षी नेताओं में प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य दावेदार हैं क्योंकि उनके पास एक लंबा राजनीतिक अनुभव भी है और उनकी छवि भी साफ सुथरी है.
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