झारखंड: हेमंत सोरेन की सरकार गिराने की साज़िश रचने के आरोप में तीन गिरफ़्तार

08:31 PM Jul 25, 2021 | द वायर स्टाफ

कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल की शिकायत पर तीन आरोपियों- अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो के ख़िलाफ़ आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि तीनों ने हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की योजना कैसे बनाई. पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि वह तीनों के कथित तौर-तरीकों के बारे में ज़्यादा खुलासा नहीं कर सकते हैं.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फोटोः पीटीआई)

दुमका: 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता, बोकारो स्टील प्लांट के एक ठेका कर्मचारी और एक पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) डीलर के बेटे को झारखंड पुलिस ने राज्य में गठबंधन सरकार को गिराने की कथित साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते शनिवार को पुलिस ने तीनों आरोपियों- अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो की 14 दिन की न्यायिक हिरासत में देने के लिए आवेदन किया.

बीते 22 जुलाई को पुलिस ने बेरमो (जिला बोकारो) से कांग्रेस के विधायक कुमार जयमंगल की शिकायत पर कोतवाली पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 419 (आपराधिक साजिश में शामिल पक्ष), 420 (धोखाधड़ी), 124ए (राजद्रोह), 120बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया.

शिकायत और पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह नहीं बताया गया है कि तीनों ने हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की योजना कैसे बनाई. सोरेन 81 सदस्यों वाली विधानसभा में 51 विधायकों के साथ झामुमो और कांग्रेस के गठबंधन सरकार के प्रमुख हैं.

चुनाव आयोग में दायर एक आरोपी निवारण प्रसाद महतो के हलफनामे के अनुसार, उन्होंने बोकारो से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के टिकट पर 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा था.

उसमें उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल का उल्लेख किया है और उस पर पोस्ट की गई तस्वीर में वह भाजपा का गमछा पहने हुए हैं. वहीं उनके दिए फेसबुक पेज में वह अन्य स्थानीय नेताओं के साथ धनबाद से भाजपा सांसद पशुपति नाथ के साथ हैं. हालांकि, यह साफ नहीं है कि ये तस्वीरें कब पोस्ट की गईं.

महतो के बारे में पूछे जाने पर झारखंड भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शहदेव ने कहा, ‘मेरी जानकारी के अनुसार निवारण प्रसाद महतो भाजपा के सदस्य नहीं हैं. जहां तक मामले की बात है तो यदि पुलिस का दावा सही है, उसके व्यापक प्रभाव हैं. राज्य सरकार को सीबीआई जांच का आदेश देना चाहिए.’

बोकारो स्टील लिमिटेड द्वारा एक अन्य आरोपी अमित सिंह को जारी किया गया गेट पास उनकी पहचान एक ठेका कर्मचारी के रूप में करता है. इस पर इमरजेंसी नंबर बोकारो स्टील लिमिटेड के एक ठेकेदार रोहित गुप्ता का है.

रोहित गुप्ता ने बताया कि गेट पास पर दी गई जानकारी सही थी. उन्होंने कहा कि सिंह को हमारी कंपनी द्वारा ठेके पर रखा गया होगा. मैं सोमवार तक पुष्टि कर पाऊंगा.

पुलिस महानिरीक्षक (ऑपरेशंस) अमोल वी. होमकर ने कहा कि वह तीनों के कथित तौर-तरीकों के बारे में ज्यादा खुलासा नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं जांच का प्रभारी नहीं हूं.’

रांची के एसएसपी एसके झा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘तीनों आरोपियों ने कहा है कि वे सरकार के खिलाफ साजिश में शामिल थे और इसे अस्थिर करने की योजना बना रहे थे.’

अपनी शिकायत में विधायक जयमंगल ने कहा कि उन्हें झारखंड में सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों की जानकारी मिल रही है.

शिकायत में कहा गया, ‘कई विधायकों की छवि खराब करने के प्रयास किए गए और यह जानकारी प्राप्त करना आश्चर्यजनक था कि अलग-अलग जगहों पर कुछ लोग राजनीतिक साजिशों में लिप्त थे और रांची में बड़ी मात्रा में हवाला लेन-देन में लिप्त थे.’

न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए स्थानीय अदालत में दायर आवेदन में इंस्पेक्टर कमलेश राय ने कहा कि उन्हें चार्जशीट जमा करने के लिए समय चाहिए.

पुलिस ने अपनी याचिका में कहा, ‘आरोपियों के दोस्त फरार हो गए और पुलिस ने उनके पास से दो लाख रुपये बरामद किए. वे जिस होटल में ठहरे थे, वहां से सीसीटीवी फुटेज के रूप में सबूत जुटाए जा रहे हैं.’

इससे पहले अक्टूबर, 2020 में विधानसभा उपचुनाव से पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने दुमका में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान आगामी दो-तीन माह राज्य सरकार के गिरने तथा प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने का दावा किया था.

इसको लेकर दुमका जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्यामल किशोर सिंह ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कराया था.

बता दें कि राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की गठबंधन वाली सरकार है.

81 सदस्यों वाले विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन के पास 51 विधायक हैं, जिसमें उपरोक्त तीनों दलों के साथ एनसीपी और भाकपा-माले भी शामिल है.

वहीं, भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष में 30 विधायक हैं, जिसमें 26 भाजपा के और दो आजसू और दो निर्दलीय हैं.