पंजाब के दिग्गज नेता प्रकाश सिंह बादल का निधन

प्रकाश सिंह बादल जब पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे, तब उनकी उम्र महज 42 साल थी. 2017 में आख़िरी बार जब उन्होंने पद छोड़ा था, तब उनकी उम्र 88 साल थी. कुल मिलाकर वह रिकॉर्ड पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे. इसके अलावा वह 11 बार विधायक चुने गए, जो पंजाब में एक रिकॉर्ड है. The post पंजाब के दिग्गज नेता प्रकाश सिंह बादल का निधन appeared first on The Wire - Hindi.

प्रकाश सिंह बादल जब पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे, तब उनकी उम्र महज 42 साल थी. 2017 में आख़िरी बार जब उन्होंने पद छोड़ा था, तब उनकी उम्र 88 साल थी. कुल मिलाकर वह रिकॉर्ड पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे. इसके अलावा वह 11 बार विधायक चुने गए, जो पंजाब में एक रिकॉर्ड है.

प्रकाश सिंह बादल. (फोटो साभार: ट्विटर)

चंडीगढ़: लगभग आधी शताब्दी तक पंजाब की राजनीति के केंद्र में रहे शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल का संक्षिप्त बीमारी के बाद मंगलवार (25 अप्रैल) को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

उन्हें सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ के बाद बीते 21 अप्रैल को मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब से वह गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में लगातार निगरानी में थे.

केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में 26 और 27 अप्रैल को दो दिन के शोक की घोषणा की है.

जब वह पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे, तब उनकी उम्र महज 42 साल थी. 2017 में आखिरी बार जब उन्होंने पद छोड़ा था, तब उनकी उम्र 88 साल थी. कुल मिलाकर वह रिकॉर्ड पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने 1977 में जनता पार्टी सरकार में केंद्रीय कृषि और सिंचाई मंत्री के रूप में भी कार्य किया था.

बादल 1995-2008 तक अकाली दल के अध्यक्ष थे. इसके अलावा 13 बार चुनाव लड़कर वह 11 बार विधायक चुने गए, जो पंजाब में एक रिकॉर्ड है. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1947 में अपने पैतृक गांव बादल (जिला श्री मुक्तसर साहिब) के सरपंच के रूप में की थी.

तभी से उनके नाम के साथ उनके गांव का नाम एक स्थायी पहचान के रूप में जुड़ गया. बादल ने पहली बार 1957 में कांग्रेस के टिकट पर मुक्तसर जिले के मलोट निर्वाचन क्षेत्र से पंजाब विधानसभा में प्रवेश किया था.

बाद में वह शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए और 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के बाद राज्य के भीतर और बाहर कांग्रेस विरोधी राजनीति के प्रमुख व्यक्ति बन गए.

वह एक उदारवादी अकाली नेता थे, जो सीमावर्ती राज्य में शांति के लिए प्रतिबद्ध थे. उनकी एक मिश्रित विरासत है. कोई कहता है कि वह जनता के नेता थे तो कोई उन पर शिरोमणि अकाली दल को परिवार संचालित पार्टी बनाने का आरोप लगाते हैं. उनके पुत्र सुखबीर सिंह बादल वर्तमान में अकाली दल के अध्यक्ष हैं.

बादल का पार्थिव शरीर बुधवार को चंडीगढ़ स्थित अकाली दल मुख्यालय पर श्रद्धांजलि के लिए रखा जाएगा. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बादल ले जाया जाएगा, जहां गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित प्रकाश सिंह बादल ने साल 2020 में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध के में इसे वापस कर दिया था.

इस बीच राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत देश के शीर्ष पदाधिकारियों ने प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि दी है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रकाश सिंह बादल आजादी के बाद से सबसे बड़े राजनीतिक दिग्गजों में से एक थे. हालांकि सार्वजनिक सेवा में उनका अनुकरणीय करिअर काफी हद तक पंजाब तक ही सीमित था, लेकिन देश भर में उनका सम्मान किया जाता था. उनका निधन से एक खालीपन आ गया है0 उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रकाश सिंह बादल जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ. वह भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती और एक उल्लेखनीय राजनेता थे, जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया. उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया और कठिन समय में राज्य को सहारा दिया.’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. मेरी उनके साथ कई दशकों तक बातचीत होती रही और उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा है. मुझे हमारी कई बातचीत याद आती हैं, जिसमें उनकी बुद्धिमत्ता हमेशा स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी. उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति संवेदना.’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बयान में कहा कि दिग्गज का निधन बेहद दुखद है. उन्होंने कहा, ‘कई दशकों का उनका करिअर गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित रहा. उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे कई बार प्रकाश सिंह बादल साहब से मिलने का सौभाग्य मिला. उनका अद्वितीय राजनीतिक अनुभव सार्वजनिक जीवन में बहुत मददगार था और सुनने में हमेशा आनंद आता था. उन मुलाकातों की यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी. ओम शांति शांति शांति.’

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि बादल एक कद्दावर राजनीतिक शख्सियत थे, जिनका पंजाब के विकास में बहुत बड़ा योगदान है और उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा.

वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने बयान में कहा कि बादल भारतीय राजनीति के दिग्गज थे.

खड़गे ने कहा, ‘हालांकि हम अपनी विचारधाराओं में भिन्न थे, उन्होंने अपनी सादगी और अपने कैडर के प्रति वफादारी के लिए पंजाब के लोगों के बीच बहुत सम्मान अर्जित किया, क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में कई बार सेवा की.’

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शोक संदेश में कहा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन का दुखद समाचार मिला. वाहेगुरु दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दें.’

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