मांग में वृद्धि की वजह से नहीं केंद्र की ग़लत नीतियों और कुप्रबंधन से बढ़ी महंगाई: पी. चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यापक संकट की ऐसी स्थिति में बढ़ती महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है और इसके लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ज़िम्मेदार है. अगर सरकार यह ढोंग करती रही कि महंगाई नहीं है तो यह मुद्दा ज्यों का त्यों बना रहेगा.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यापक संकट की ऐसी स्थिति में बढ़ती महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है और इसके लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ज़िम्मेदार है. अगर सरकार यह ढोंग करती रही कि महंगाई नहीं है तो यह मुद्दा ज्यों का त्यों बना रहेगा.

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने पेट्रोल, एलपीजी और दालों की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी संसद के आगामी मॉनसून सत्र में महंगाई के मुद्दे को उठाएगी.

महंगाई को झूठी चिंता बताने के केंद्र के रवैये पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने देश में बढ़ रही बेरोजगारी और वेतन कटौती पर चिंता जताई.

उन्होंने कहा, ‘व्यापक संकट की ऐसी स्थिति में  महंगाई दर ने लोगों की कमर तोड़ दी है, और हम उच्च मुद्रास्फीति के लिए सीधे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं.’

चिदंबरम ने ईंधन की कीमतों और जीएसटी दरों में कटौती की मांग की और उच्च महंगाई दर का बोझ घटाने के लिए आयात शुल्क की समीक्षा करने को कहा.

उन्होंने कहा, ‘सरकार ने कड़े विरोध के बावजूद पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी की है.’

उन्होंने कहा कि मुंबई और दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर  से अधिक हो गई हैं जबकि दिल्ली में रसोई गैस की कीमत 835 रुपये प्रति सिलेंडर और पटना में 933 रुपये प्रति सिलेंडर है.

चिदंबरम ने कहा, ‘इनमें से कोई भी कीमत न्यायोचित नहीं है क्योंकि कच्चे तेल की कीमत लगभग 75 डॉलर प्रति बैरल है. जब कच्चे तेल की कीमत 125 डॉलर प्रति बैरल थी तो यूपीए सरकार पेटोल 65 रुपये प्रति लीटर और डीजल 44 रुपये प्रति लीटर उपलब्ध कराने में सक्षम थी.’

उन्होंने अत्यधिक कीमतों के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए उपकरों को दोषी ठहराते हुए कहा कि सरकार इनके जरिये सालाना लगभग 4.2 लाख करोड़ रुपये संग्रहित करती है और पैसा अपने पास ही रखती है.

चिदंबरम ने रुपये के मूल्य में गिरावट के बावजूद कई सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाने को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की. उन्होंने जीएसटी को प्रतिगामी और तर्कहीन बताया.

चिदंबरम ने एनएसओ डेटा का उल्लेख करते हुए कहा कि उपभोक्ता मुद्रास्फीति 6.26 फीसदी तक पहुंच गई है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा तय की गई महंगाई दर की ऊपरी सीमा से अधिक है.

उन्होंने कहा, ‘क्या सरकार लोगों को बताएगी उन्हें क्या खाना चाहिए? उन्हें अपना घर कैसे रोशन करना चाहिए? और उन्हें काम पर कैसे जाना चाहिए?’

उन्होंने कहा, ‘मांग में वृद्धि की वजह से महंगाई नहीं बढ़ी है बल्कि सरकार की गलत नीतियों और अर्थव्यवस्था प्रबंधन में अक्षमता की वजह से बढ़ी है. मुझे सरकार को सचेत करने दो, अगर आप यह ढोंग करते रहें कि महंगाई नही है तो ऐसे में बढ़ती महंगाई दरका मुद्दा ज्यों का त्यों रहेगा.’