रेलवे बोर्ड ने 45 दिनों के भीतर अपनी दूसरी संस्था को बंद किया

रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम को बंद करने का आदेश दिया है. इससे पहले सात सितंबर को भारतीय रेलवे वैकल्पिक ईंधन संगठन को बंद किया गया था. वित्त मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में सिफ़ारिश की थी कि सरकार निकायों को बंद करके या विभिन्न मंत्रालयों के तहत कई संगठनों का विलय करके उन्हें युक्तिसंगत बनाए.

रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम को बंद करने का आदेश दिया है. इससे पहले सात सितंबर को भारतीय रेलवे वैकल्पिक ईंधन संगठन को बंद किया गया था. वित्त मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में सिफ़ारिश की थी कि सरकार निकायों को बंद करके या विभिन्न मंत्रालयों के तहत कई संगठनों का विलय करके उन्हें युक्तिसंगत बनाए.

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: रेलवे बोर्ड ने देश भर के स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए गठित भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (आईआरएसडीसी) को बंद करने का आदेश जारी किया है.

करीब 45 दिनों के भीतर रेल मंत्रालय के तहत यह दूसरा संगठन है, जिसे बंद करने का आदेश जारी किया गया है. इससे पहले बीते सात सितंबर को भारतीय रेलवे वैकल्पिक ईंधन संगठन (आईआरओएएफ) को बंद किया गया था.

यह कदम वित्त मंत्रालय की सिफारिश लागू करने की दिशा में उठाया गया है. वित्त मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि सरकार निकायों को बंद करके या विभिन्न मंत्रालयों के तहत कई संगठनों का विलय करके उन्हें युक्तिसंगत बनाए.

रेलवे बोर्ड द्वारा बीते सोमवार की देर रात जारी आदेश में कहा गया कि आईआरएसडीसी जिन स्टेशनों का प्रबंधन करता है, उन्हें संबंधित क्षेत्रीय रेलवे को सौंपा जाएगा और निगम आगे के विकास के लिए परियोजनाओं संबंधी सभी दस्तावेज भी उन्हें सौंपेगा.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक दशक से भी कम पुराने संगठन के बंद होने से भी कई लोग स्तब्ध हैं, क्योंकि यह वित्त मंत्रालय द्वारा इसे रेल भूमि विकास प्राधिकरण के साथ विलय करने की सिफारिश के विपरीत है, जो इसी तरह का काम करने वाली एक अन्य संस्था है.

आईआरएसडीसी का गठन मार्च 2012 में किया गया था. अन्य कई परियोजनाओं के अलावा यह निगम मुंबई में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के पुनर्विकास के लिए बोली प्रक्रिया में भी शामिल था.

आईआरएसडीसी ने हाल में केएसआर बेंगलुरु रेलवे स्टेशन और चंडीगढ़ में ‘रेल आर्केड’ की स्थापना के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं. उसने पूरे दक्षिण भारत में 90 रेलवे स्टेशन के सुविधा प्रबंधन की योजना की भी घोषणा की थी.

प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में रेलवे के बुनियादी ढांचे के निर्माण एवं संवर्द्धन से संबंधित परियोजनाओं को लागू करने वाले रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) का, विशेष बुनियादी ढांचा निर्माण संगठन ‘इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन लिमिटेड’ (इरकॉन) के साथ विलय करने की भी सिफारिश की गई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)