मोदी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को लोकसभा में होगी चर्चा

04:33 AM Sep 19, 2019 | द वायर स्टाफ

संसद के मानसून सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई है. लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मंजूर हुआ.

मानसून सत्र के दौरान संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई. लोकसभा में मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा किया. राज्‍यसभा में टीडीपी सांसदों ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्‍य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी की.

वहीं, संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में शास्त्रीय नर्तकी सोनल मानसिंह, मूर्तिकार रघुनाथ मोहपात्रा और लेखक राकेश सिन्हा ने बुधवार को नवनिर्वाचित सांसदों के रूप में शपथ ली.

लोकसभा में बुधवार को मोदी सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार हो गया. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार (20 जुलाई) को चर्चा और मत विभाजन होगा.

सदन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वाले सभी सदस्यों का उल्लेख किया और तेदेपा के एसके सीनेनी को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने को कहा.

उल्लेखनीय है कि तेदेपा आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को पूर्ण रूप से लागू करने और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग को लेकर राजग गठबंधन से अलग हो गई थी.

अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने एसके सीनेनी, तारिक अनवर, मल्लिकार्जुन खडगे समेत कुछ अन्य सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया है और अब वह इस नोटिस को सदन के समक्ष रख रही हैं.

अध्यक्ष ने उन सदस्यों से खड़े होने का आग्रह किया जो अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्यों की संख्या 50 से अधिक है, इसलिए यह प्रस्ताव सदन में स्वीकार होता है.

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार है और दूध का दूध-पानी का पानी हो जाएगा. हम निश्चत तौर पर विजयी होंगे.

तेदेपा सदस्यों ने बजट सत्र के दौरान भी अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था लेकिन अध्यक्ष ने सदन में व्यवस्था नहीं होने का हवाला देते हुए उसे अस्वीकार कर दिया था.

उधर कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि हमने पहले अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था और हम बड़ी पार्टी थे, इसलिए इसे रखने का मौका हमें दिया जाना चाहिए था. सदन में कांग्रेस सदस्यों ने इस विषय को जोरदार ढंग से उठाया. उस समय सदन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी मौजूद थीं.

इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि हमने नियमों के तहत काम किया है. जिन-जिन सदस्यों ने नोटिस दिया था, उन सभी का उल्लेख किया और जिसने सबसे पहले रखा था, उन्हें प्रस्ताव रखने का मौका दिया. उन्होंने कहा कि ‘अब किसी ने भी प्रस्ताव रखा, तो रख दिया. यह सब नियमों के तहत ही हुआ.’

मानसून सत्र के दौरान संसद भवन परिसर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)

इससे पहले लोकसभा में तेलगू देशम पार्टी और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने अपनी अपनी मांगों को लेकर आसन के समीप आकर नारेबाजी की. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जब प्रश्नकाल शुरू कराया तब तेदेपा के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे.

वे आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की अपनी पुरानी मांग दोहरा रहे थे. सभी सदस्य कंधे पर पीले रंग की पट्टिका डाले हुए थे. तेदेपा सदस्यों के साथ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की रेणुका बूटा भी प्रदर्शन कर रही थीं.

प्रश्नकाल के दौरान ही कांग्रेस के सदस्य भी अपनी बात रखना चाह रहे थे. पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मांग उठा रहे थे कि सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को पहले लिया जाए. उधर धर्मेंद्र यादव समेत सपा सांसद भी आसन के समीप आकर नारे लगाने लगे. उन्हें ‘एससी/ एसटी, ओबीसी को न्याय दो’ के नारे लगाते सुना गया.

हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को अपने स्थान पर जाकर बैठने का आग्रह करते हुए कहा कि प्रश्नकाल के बाद वह सभी की बात सुनेंगी. उन्होंने कहा, ‘मैं किसी को मना नहीं कर रही. प्रश्नकाल के बाद सब को सुनूंगी.’ शोर-शराबे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ने पूरा प्रश्नकाल चलाया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में उपस्थित थे. संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे.

सदन की बैठक शुरू होने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्यों का अभिनंदन किया. सफेद कुर्ता पजामा पहने प्रधानमंत्री ने सत्तापक्ष और विपक्ष की अग्रिम पंक्ति में बैठे नेताओं के पास जाकर हाथ जोड़कर उनका अभिनंदन किया. मोदी को समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव से कुछ बातचीत करते भी देखा गया. इससे पहले सदन की बैठक शुरू होने पर चार नये सदस्यों ने शपथ ली और इसके बाद सदन के तीन दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई.

इससे पहले संसद के मानसून सत्र में सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने में राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार किसी भी दल, किसी भी सदस्य द्वारा उठाए गए किसी भी विषय पर चर्चा को तैयार है.

मानसूत्र सत्र शुरू होने से पहने प्रधानमंत्री ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि इस सत्र में देशहित के कई महत्वपूर्ण मसलों पर निर्णय होने जरूरी हैं. देश के कई महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा जरूरी है और जितनी व्यापक चर्चा होगी, सभी वरिष्ठ अनुभवी लोगों का सदन को मार्गदर्शन मिलेगा.

उन्होंने कहा कि इससे देश को लाभ होगा और सरकार को भी अपनी निर्णय प्रक्रिया में अच्छे सुझावों से फायदा होगा. मोदी ने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि सभी राजनीतिक दल सदन के समय का सर्वाधिक उपयोग देश के महत्वपूर्ण कार्यो को आगे बढ़ाने में करेंगे.’

उन्होंने उम्मीद जताई कि हर किसी का पूर्ण सहयोग रहेगा और देश भर में संसद के कामकाज की छवि राज्य विधानसभाओं के लिए प्रेरक बनेगी. ऐसा उत्तम उदाहरण सभी संसद सदस्य और सभी राजनीतिक दल प्रस्तुत करेंगे.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हर बार मैंने ऐसी आशा प्रकट भी की है, प्रयास भी किया. इस बार भी आशा प्रकट कर रहा हूं. इस बार भी प्रयास कर रहे हैं और हमारा निरंतर प्रयास रहेगा.’

उन्होंने जोर दिया कि कोई भी दल, कोई भी सदस्य किसी भी विषय पर चर्चा करना चाहे तो सरकार उसके लिये तैयार है. उन्होंने कहा कि यह मानसून सत्र है, देश के कई भागों में वर्षा के कारण आपदाएं भी आई हैं और कुछ स्थान ऐसे हैं जहां अपेक्षा से कम वर्षा हुई है. मोदी ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि ऐसे विषयों पर चर्चा बहुत उपयुक्त रहेगी.’

तीन तलाक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश

संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 10 अगस्त तक चलेगा. सरकार इस सत्र के दौरान तीन तलाक संबंधी विधेयक, भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा संबंधी विधेयक, बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के मामलों में सख्त दंड के प्रावधान वाला विधेयक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराना चाहती है.

वहीं विपक्ष, जम्मू कश्मीर की स्थिति, किसानों की समस्या, महंगाई, पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें, डालर के मुकाबले रुपये की कीमतों में गिरावट, भीड़ द्वारा लोगों को पीट-पीट कर हत्या के मामलों समेत कई अन्य विषयों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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