ओडिशा: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन धरने पर, 60,000 केंद्र बंद

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग है कि उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा और 18 हज़ार रुपये और सहायिकाओं को 9 हज़ार रुपये मासिक मानदेय दिया जाए. इन मांगों में सेवानिवृत्ति के बाद 5,000 रुपये मासिक पेंशन और सेवा अवधि के दौरान मृत्यु होने पर परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवज़ा देना भी शामिल है. The post ओडिशा: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन धरने पर, 60,000 केंद्र बंद appeared first on The Wire - Hindi.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग है कि उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा और 18 हज़ार रुपये और सहायिकाओं को 9 हज़ार रुपये मासिक मानदेय दिया जाए. इन मांगों में सेवानिवृत्ति के बाद 5,000 रुपये मासिक पेंशन और सेवा अवधि के दौरान मृत्यु होने पर परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवज़ा देना भी शामिल है.

भुवनेश्वर में अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में भारतीय मजदूर संघ बीएमएस के बैनर तले ऑल ओडिशा आंगनबाड़ी महिला वर्कर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने राज्य विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया. (फोटो: पीटीआई)

भुवनेश्वर: ओडिशा में लगभग 60,000 आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंगलवार को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा देने और उनके मेहनताने में बढ़ोतरी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर हैं.

राज्य के विभिन्न हिस्सों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सोमवार (21 नवंबर) को भुवनेश्वर में प्रदर्शन किया और विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले राज्य विधानसभा भवन के पास धरना दिया.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग है कि उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 18 हजार रुपये मासिक और सहायिकाओं को नौ हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाए.

ऑल ओडिशा आंगनबाड़ी लेडी वर्कर्स की अध्यक्ष सुमित्रा महापात्रा ने कहा कि साथ ही हमारी 5,000 रुपये पेंशन की मांग को पूरा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हमारी हड़ताल खत्म नहीं होगी.’

उनकी मांग में सेवा अवधि के दौरान मृत्यु होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजा देना भी शामिल है.

ऑल ओडिशा आंगनबाड़ी महिला वर्कर्स एसोसिएशन की सचिव झुनुपामा सत्पथी ने कहा, ‘आज (मंगलवार) दूसरा दिन है. सोमवार को 50,000 महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का विशाल प्रदर्शन करने के बाद हम आज से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. आज करीब 500 महिलाएं धरने पर बैठ गईं. सभी 314 ब्लॉकों में हमारे साथी भी ब्लॉक कार्यालयों के पास आंदोलन कर रहे हैं.’

ममता योजना और हरिश्चंद्र योजना जैसे राज्य सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के कारण सफल होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी मांगें अधूरी रह गई हैं.

महापात्रा ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 24 घंटे काम करने के बाद भी महीने में 7,500 रुपये मिलते हैं.

अखिल भारतीय आंगनबाड़ी महासंघ की संगठन सचिव अंजली पटेल ने कहा, ‘हमने अपनी मांगों के समर्थन में राज्य सरकार को करीब 100 पत्र लिखे हैं, लेकिन सरकार ने उन पत्रों का जवाब नहीं दिया. उलटे सरकार ने हमारा अपमान किया और हम पर और बोझ डाल दिया. हम सरकार को 15 दिन का नोटिस देकर आखिरकार हड़ताल पर आ गए.’

महिला एवं बाल विकास मंत्री बसंती हेम्ब्रम ने कहा कि राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रति सहानुभूति रखती है. मंत्री ने आगे कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को केंद्र और राज्य दोनों की साझेदारी के आधार पर पारिश्रमिक मिलता है. ओडिशा सरकार वर्तमान मांगों के संबंध में जल्द निर्णय लेगी.

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