फारूक, उमर और मुफ्ती की जल्द रिहाई के लिए प्रार्थना करेंगे: राजनाथ सिंह

04:25 PM Feb 23, 2020 | द वायर स्टाफ

भाजपा की विचारधारा का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुसलमान जिगर का टुकड़ा है और सांप्रदायिक राजनीति का सवाल ही पैदा नहीं होता.

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि वे जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की हिरासत से तत्काल रिहाई के लिए प्रार्थना करेंगे और उम्मीद करते हैं कि कश्मीर में हालात सामान्य करने में अपना योगदान देंगे.

तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों- नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती- को पिछले साल 5 अगस्त से ही एहतियातन हिरासत में रखा गया है, जब मोदी सरकार ने राज्य का विशेष दर्जा खत्म करने हुए उसे दो भागों में बांट दिया था.

उसके बाद अधिकतर राजनेताओं की रिहाई के बाद भी इन तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों और दर्जनों नेताओं को अभी भी हिरासत में रखा गया है.

जहां फारूक अब्दुल्ला पर सितंबर में जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया वहीं, हाल ही में उमर और महबूबा पर भी इसी कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया.

बेहद सख्त माने जाने वाले पीएसए लगाने के पीछे सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने से पहले इन नेताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों और धमकियों को आधार बनाया है.

समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए गए एक इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा, ‘कश्मीर शांत है. हालात में तेजी से सुधार हो रहा है. सुधार के साथ ये (राजनेताओं को हिरासत से रिहा किए जाने के) फैसले भी लिए जाएंगे. सरकार किसी को प्रताड़ित नहीं किया है.’

सरकार के फैसले का बचाव करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कश्मीर के हित में कुछ फैसले लिए गए. हर किसी को इसका स्वागत करना चाहिए.

सिंह ने कहा कि फारूक उमर व मुफ्ती की जल्द रिहाई के लिए प्रार्थना करेंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं यह भी प्रार्थना करता हूं कि जब वह बाहर आएं तो कश्मीर की स्थिति को सुधारने में अपना योगदान दें.’

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विचारधारा का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुसलमान जिगर का टुकड़ा है और सांप्रदायिक राजनीति का सवाल ही पैदा नहीं होता.

रक्षा मंत्री ने इस धारणा को खारिज किया कि मोदी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ है. उन्होंने मेरठ और मेंगलुरु में अपनी दो मेगा रैलियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैंने पहले भी अपनी मेरठ और मेंगलुरु की रैलियों में कहा है कि मुसलमान भारत का नागरिक और हमारा भाई है. वह हमारे जिगर का टुकड़ा है.’

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार ने शुरुआत से ही मुस्लिम नागरिकों के अंदर डर हटाने और उनमें आत्मविश्वास भरने की कोशिश की है.

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘कुछ ताकतें हैं, जो उन्हें गुमराह कर रही हैं. लेकिन भाजपा किसी भी स्थिति में भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं जा सकती. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआत से ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया है.’

उन्होंने कहा, ‘जाति, धर्म और रंग के आधार पर भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं उठता. हम इसके बारे में सोच भी नहीं सकते.’

सांप्रदायिक राजनीति के लिए निहित स्वार्थ को जिम्मेदार ठहराते हुए सिंह ने कहा, ‘कुछ ताकतें हैं, जो केवल वोट बैंक के बारे में ही सोचती हैं.’

सांप्रदायिक राजनीति के लिए नेताओं को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, ‘राजनीति महज वोटों के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण करने के लिए करनी चाहिए.’

रक्षा मंत्री ने कहा कि यहां तक कि जो हिंदुत्व की विचारधारा में विश्वास करते हैं, वे भी पहचान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते, क्योंकि हिंदुत्व का मतलब ही ‘वसुधैव कुटुंबकम’ है.

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