मृतकों के परिजन बोले- दिल्ली हिंसा के लिए कपिल मिश्रा ज़िम्मेदार, फ़ौरन गिरफ़्तार किया जाए

10:11 PM Feb 26, 2020 | द वायर स्टाफ

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में अपने परिजनों को खोने वाले लोगों का मानना है कि क्षेत्र में स्थिति भाजपा नेता कपिल मिश्रा के भाषण के बाद बिगड़ी थीं.

मौजपुर में उपद्रवी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. इनमें दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल भी शामिल हैं.

दिल्ली के कई अस्पतालों में इस हिंसा में घायल हुए लोगों का इलाज चल रहा है, वहीं मृतकों के परिजनों ने कहा है कि इस हिंसा के लिए भाजपा नेता कपिल मिश्रा जिम्मेदार हैं.

जीटीबी अस्पताल में बैठे हरि सिंह सोलंकी ने इस हिंसा में अपने बेटे राहुल सोलंकी को खोया है. 26 साल के राहुल घर से किराने का सामान लेने निकले थे, जब लौटते समय एक गोली उनके गले में आकर लगी.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सोलंकी के परिजन हिंसा भड़काने के लिए भाजपा नेता कपिल मिश्रा को जिम्मेदार मानते हैं. इनके साथ ही अन्य परिजनों और घायलों के परिजनों ने भी मिश्रा को इस हिंसा का आरोपी ठहराते हुए उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की.

हरि सिंह सोलंकी ने इस अख़बार से बात करते हुए कहा, ‘अगर यह सब नहीं रुका तो लोग अपने बच्चे खोते रहेंगे. उन्हें (मिश्रा को) फ़ौरन गिरफ्तार किया जाना चाहिए.’

इस हिंसा के भड़कने को लेकर भाजपा नेता कपिल मिश्रा की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. ज्ञात हो कि मिश्रा ने 23 फरवरी को मौजपुर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में एक सभा बुलाकर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को इलाके से हटवाने को लेकर दिल्ली पुलिस को अल्टीमेटम देने की बात कही थी.

23 फरवरी को मौजपुर लालबत्ती के निकट डीसीपी (उत्तर-पूर्व) वेद प्रकाश सूर्या के साथ भाजपा नेता कपिल मिश्रा. (फोटो: वीडियो स्क्रीनग्रैब/ट्विटर)

सोलंकी के परिवार ने यह भी बताया कि किसी भी निजी अस्पताल ने राहुल को भर्ती करने से इनकार कर दिया था और जीटीबी अस्पताल लाने के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

रविवार शाम से फैली इस हिंसा में अब तक बाइस मौतों की पुष्टि हुई है और 250 से अधिक घायल हुए हैं, जिनका इलाज दिल्ली के जीटीबी अस्पताल, लोकनायक अस्पताल, जग प्रवेश चंद्र अस्पताल और पटपड़गंज के मैक्स अस्पताल में चल रहा है.

जीटीबी अस्पताल में इस हिंसा के बाद सर्वाधिक मरीज आये हैं, जिनमें से अधिकतर को गोली लगी है. जीटीबी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुनील कुमार ने मंगलवार को इस अख़बार को बताया, ‘हमारे पास अब तक 150 मरीज आये थे, जिनमें से अब तक 13 की मौत हुई है. आधे से ज्यादा घायलों को गोली के घाव हैं. हम इस बारे में पड़ताल करेंगे कि यह पैलेट की चोट है या देसी पिस्तौल की.’

मंगलवार को इस अस्पताल में पहुंचे अधिकतर मरीज सोमवार को हुई हिंसा में घायल हुए थे. जान गंवाने वालों में न्यू मुस्तफाबाद के शाहिद खान भी थे. ऑटो रिक्शा चालक शाहिद को तब पेट में गोली लगी, जब वे एक सवारी को छोड़ने गए थे.

उनके भाई इमरान ने बताया कि बीते सितंबर में ही उनकी शादी हुई थी. वे भी अपने भाई की मौत के लिए भाजपा नेता कपिल मिश्रा को उत्तरदायी ठहराते हैं.

इमरान ने कहा, ‘हम छह साल पहले दिल्ली आए थे, अब से पहले ऐसी हिंसा कभी नहीं देखी. यह सब कपिल मिश्रा की वजह से हो रहा है, जिन्होंने लोगों को भड़काया. अभी पोस्टमार्टम हुआ नहीं है. हम उसका शव बुलंदशहर ले जाएंगे, जहां हमारी मां रहती हैं.’

52 साल के सलीम खान भी मिश्रा के भाषण को हिंसा की वजह मानते हैं. सलीम के 32 वर्षीय बेटे मो. आसिफ की इस हिंसा में मौत हुई है. सलीम कहते हैं, ‘उनके (मिश्रा के) भाषण के बाद हमारे इलाके में स्थितियां हिंसक हो गईं… दोस्तों की तरह रहने वाले पड़ोसी ही एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए.’

अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर घायलों के परिजनों का तांता लगा है, जहां उन्होंने बताया कि घायलों को अस्पताल लाना सबसे मुश्किल काम था क्योंकि रास्ते बंद थे और उपद्रवी एंबुलेंस को निकलने का रास्ता नहीं दे रहे थे.

19 साल के विवेक चौधरी के सिर के बायीं तरफ उपद्रवियों ने एक मोटर की मशीन को ड्रिल कर दिया. उनके दोस्तों ने बताया कि वे मंगलवार सुबह शिव विहार जा रहे थे और करावल नगर में उन पर हमला किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि एक समूह ने उन्हें रोककर उनका नाम और आईडी पूछी और जब विवेक ने ऐसा करने से मना किया तब उन लोगों ने उनके सिर में मोटर घुसेड़ दिया.

उनके दोस्त पारस ने बताया कि डॉक्टरों के अनुसार मोटर का कुछ हिस्सा अब भी उनके सिर में है.

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