बर्नी सैंडर्स ने दिल्ली हिंसा पर ट्रंप के बयान की निंदा की, कहा- मानवाधिकार पर नेतृत्व की विफलता

02:27 PM Feb 27, 2020 | द वायर स्टाफ

भारत के अपने दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से देश की राजधानी दिल्ली में हिंसा की घटनाओं के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा था कि जहां तक व्यक्तिगत हमलों के बारे में है, मैंने इसके बारे में सुना, लेकिन मैंने मोदी के साथ चर्चा नहीं की. यह भारत को देखना है.

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स. (फोटो: रॉयटर्स)

वाशिंगटन: दिल्ली में हिंसा की घटनाओं को ‘भारत का आंतरिक मामला’ बताने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी निंदा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स ने गुरुवार को कहा कि यह मानवाधिकार पर नेतृत्व की विफलता है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सैंडर्स ने ट्वीट कर कहा, ’20 करोड़ से अधिक लोग भारत को अपना घर मानते हैं. बड़े स्तर पर हुए मुस्लिम विरोधी भीड़ हिंसा में कम से कम 27 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हो गए हैं. ट्रंप ने जवाब देते हुए कहा कि यह भारत को देखना है. यह मानवाधिकार पर नेतृत्व की विफलता है.’

भारत के अपने दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन जब ट्रंप से देश की राजधानी दिल्ली में हिंसा की घटनाओं के बारे में पूछा गया तब अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘जहां तक व्यक्तिगत हमलों के बारे में है, मैंने इसके बारे में सुना, लेकिन मैंने मोदी के साथ चर्चा नहीं की. यह भारत को देखना है.’

सैंडर्स सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन के बाद राष्ट्रपति पद के दूसरे डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हैं, जिन्होंने नई दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम पर हिंसा के खिलाफ टिप्पणी की है.

दिल्ली में हिंसा की निंदा करते हुए वारेन ने ट्वीट कर कहा था, ‘भारत जैसे लोकतांत्रिक भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। लेकिन हमें अपने मूल्यों के बारे में सच्चाई से बात करने में सक्षम होना चाहिए, जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता शामिल है- और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है.’

अन्य प्रभावशाली सीनेटरों ने भी दिल्ली हिंसा पर बुधवार तक सामने आने वाली घटनाओं पर चिंता जताई है.

डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्क वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कॉर्नीन ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘नई दिल्ली में हुई हालिया हिंसा से हम चिंतित हैं। हम अपने महत्वपूर्ण दीर्घकालिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण चिंता के मुद्दों पर एक खुली बातचीत का समर्थन करना जारी रखते हैं.’

वार्नर और कॉर्नीन सीनेट इंडिया कॉकस के सह अध्यक्ष हैं जो कि अमेरिकी सीनेट में किसी खास देश के संबंध में सबसे बड़ा कॉकस है.

सांसद जैमी रस्कीन ने कहा कि वे हिंसा से भयभीत हैं जो कि धार्मिक नफरत और उन्माद से भरी है. उदारवादी लोकतंत्रों को धार्मिक स्वतंत्रता और बहुलता की रक्षा करनी चाहिए और भेदभाव व कट्टरता रास्ता छोड़ना चाहिए.

विदेशी संबंधों के शक्तिशाली परिषद की अध्यक्षता करने वाले रिचर्ड एन हस ने कहा कि भारत की सफलता इस बात में है कि बड़ी मुस्लिम आबादी अपने आप को भारतीय मानती है. लेकिन इससे राजनीतिक फायदे के लिए पहचान की राजनीति का फायदा उठाने की कोशिशों पर खतरा है.

इससे पहले बुधवार को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने भारत सरकार ने अनुरोध किया था कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए तेजी से कार्रवाई करे.

हिंसा पर गंभीर चिंता जताते हुए अमेरिकी संगठन ने कहा कि भारत सरकार को मुसलमानों पर हमले की खबरों के मद्देनजर उनकी आस्था की परवाह किए बिना लोगों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए.

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