बिहार: प्रधानमंत्री ने तेजस्वी पर साधा निशाना, राहुल बोले- बेरोज़गारी पर कुछ नहीं कहते मोदी

बिहार चुनाव राउंडअप: विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 71 सीटों पर शाम पांच बजे तक 51.91 प्रतिशत मतदान हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजस्वी यादव को 'जंगलराज का युवराज' बताया. माकपा नेता बृंदा करात ने कहा, एनडीए ‘विनाश गठबंधन.’ The post बिहार: प्रधानमंत्री ने तेजस्वी पर साधा निशाना, राहुल बोले- बेरोज़गारी पर कुछ नहीं कहते मोदी appeared first on The Wire - Hindi.

बिहार चुनाव राउंडअप: विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 71 सीटों पर शाम पांच बजे तक 51.91 प्रतिशत मतदान हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजस्वी यादव को ‘जंगलराज का युवराज’ बताया. माकपा नेता बृंदा करात ने कहा, एनडीए ‘विनाश गठबंधन.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी. (फोटो: पीआईबी/पीटीआई)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी. (फोटो: पीआईबी/पीटीआई)

पटना/बाल्मिकीनगर/दरभंगा/मुजफ्फरपुर: बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के तहत प्रदेश के 16 जिलों के 71 विधानसभा क्षेत्रों में बुधवार को मतदान शाम छह बजे संपन्न हो गया .

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक शाम पांच बजे तक 51.91 प्रतिशत मतदान हुआ है.

 

उन्होंने बताया कि भागलपुर जिला के कहलगांव में 54.10 प्रतिशत एवं सुल्तानगंज में 50.20 प्रतिशत, बांका में 56.00 प्रतिशत, कटोरिया में 53.66 प्रतिशत एवं बेलहर में 47.64 प्रतिशत, मुंगेर में 42.75 प्रतिशत मतदान हुआ.

निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, लखीसराय में 55.10 प्रतिशत, शेखपुरा में 54.86 प्रतिशत एवं बरबीघा में 48.78 प्रतिशत, पटना जिला के मोकामा में 51.00 प्रतिशत, बाढ में 52.02 प्रतिशत, भोजपुर जिला के संदेश में 43.80 प्रतिशत, कैमूर जिला के रामगढ़ में 59.00 प्रतिशत, मोहनिया में 51.50 प्रतिशत, भभुआ में 59.50 प्रतिशत, रोहतास जिला के चेनारी में 50.70 प्रतिशत, सासाराम में 50.50 प्रतिशत, डेहरी में 51.09 प्रतिशत एवं काराकाट में 46.00 प्रतिशत, अरवल जिला के अरवल में 54.87 प्रतिशत, जहानाबाद जिले के जहानाबाद में 48.32 प्रतिशत, घोसी में 54.20 प्रतिशत मतदान हुआ.

गया जिला के शेरघाटी में 58.00 प्रतिशत, इमामगंज में 57.00 प्रतिशत, बाराचट्टी में 52.73 प्रतिशत, बोधगया में 59.41 प्रतिशत, गया टाउन में 44.00 प्रतिशत, टेकारी में 54.70 प्रतिशत, जमुई में 57.59 प्रतिशत, झाझा में 58.92 प्रतिशत एवं चकाई में 60.03 प्रतिशत मतदान की सूचना है.

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह मतदान के शुरुआती दौर में कई जगहों पर बड़़ी संख्या में ईवीएम खराब मिल रही थी. इसकी वजह से जमुई  के 12 बूथों पर मतदान का समय 4 बजे से बढ़ाकर 7 बजे कर दिया गया है. यही कारण है कि वहां अभी मतदान चल रहा है.

निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी मतदान केंद्रों पर अर्द्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती किए जाने के साथ कुल 31,380 मतदान केन्द्रों के लिए 31,380-31,380 सेट इवीएम एवं वीवीपैट का प्रबंध किया गया था.

एक ओर कई सीटों पर विभिन्न प्रत्याशियों के समर्थक आपस में भिड़ गए तो वहीं तीन अलग -अलग जगहों पर तीन की मौत हो गई है.

गया के टिकारी विधानसभा में महागठबंधन क्षेत्र के उम्मीदवार सुमन्त कुमार पर हमला किया गया. प्रत्याशी के गाड़ी का शीशा तोड़ा गया. उम्मीदवार का आरोप है कि हमलावरों ने दो राउंड फ़ायरिंग भी की है.

इससे पहले भोजपुर जिले के बड़हरा विधानसभा क्षेत्र के बखोरापुर में दो उम्मीदवारों के समर्थक आपस में भिड़ गए थे.

वहीं जिले के बड़हरा विधानसभा क्षेत्र के छीने गांव में राजद प्रत्याशी व विधायक सरोज यादव के वाहन पर पर कुछ लोगों ने ईंट-पत्थर चलाए थे. हमले में विधायक को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी.

वहीं, कड़ी सुरक्षा के बीच हो रहे मतदान के बीच औरंगाबाद जिले के ढिबरा इलाके से सुरक्षाबलों ने दो इंप्रोवाइज्ड विस्फोटक उपकरण (आईईडी) बरामद किया.

चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, मतदान करने वाले 2.14 करोड़ मतदाताओं में से 1.01 करोड़ महिलाएं और 599 ट्रांसजेंडर हैं.

उम्मीदवारों में 952 पुरुष और 114 महिलाएं शामिल हैं, अधिकतम संख्या (27) गया टाउन में और बांका जिले के कटोरिया में न्यूनतम (5) हैं.

पहले चरण की 71 सीटों में प्रमुख पार्टियों में से राजद 42, जदयू 41, भाजपा 29, कांग्रेस 21 और लोजपा 41 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

बता दें कि दक्षिणी बिहार और मध्य बिहार के कुछ हिस्सों में 71 सीटों पर पहले दौर में वोट डाले गए. इनमें से फिलहाल 37 विधानसभा सीट एनडीए के पास हैं जबकि राजद के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन के पास 34 सीट हैं.

जनता के समक्ष प्रदेश को ‘बीमार करने वाली ताकतों’ से निपटने की चुनौती: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रचार के दौरान बुधवार को एक रैली में विपक्षी महागठबंधन पर प्रहार करते हुए उस पर विकास के कोष में हेराफेरी करने और बड़ी-बड़ी बातें करके लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि आज बिहार के सामने कोरोना वायरस महामारी से निपटने और बिहार को ‘बीमार’ करने वाली ताकतों से निपटने की दोहरी चुनौती है तथा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पक्ष में एक-एक वोट जरूरी है.

मोदी ने कहा, ‘जैसे कोरोना से निपटने के लिए मास्क और दो गज की दूरी जरूरी है, वैसे ही बिहार को बीमार करने वाली ताकतों से निपटने के लिए एनडीए के पक्ष में एक-एक वोट जरूरी है.’

दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना में एनडीए (एनडीए) की चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए मोदी ने बिहार में विपक्षी महागठबंधन के घटक दलों पर विकास विरोधी होने का आरोप लगाया.

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा, बिहार के एक-एक व्यक्ति के साथ अन्याय किया, दलितों-पिछड़ों-वंचितों का हक भी हड़प लिया, क्या वे लोग बिहार की उम्मीदों को समझ पाएंगे?’

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जंगलराज के युवराज’ से बिहार की जनता पुराने ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर और क्या अपेक्षा कर सकती है? जंगलराज के युवराज से क्या उम्मीद कर सकते हैं कि बिहार आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) का केंद्र बनेगा, या क्या वह आधुनिकता के किसी क्षेत्र में प्रदेश को आगे ले जा सकते हैं.’

उन्होंने कहा कि ये समय बड़ी बातें करने वालों को नहीं, बल्कि जिनके पास अनुभव है, जो बिहार को गहरे अंधेरे से निकालकर यहां लाए हैं, उन्हें दोबारा चुनने का है.

मोदी ने कहा, ‘यह चुनाव आने वाले दशक में, इस सदी में बिहार के भविष्य को तय करेगा. आपका एक वोट यह तय करेगा कि आत्मनिर्भरता का संकल्प लेकर निकले भारत में बिहार की भूमिका क्या होगी? आपका एक वोट तय करेगा कि आत्मनिर्भर बिहार का लक्ष्य कितनी तेज़ी से हम पूरा कर पाएंगे.’

विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अपना काम, अपना कारोबार करने वालों के साथ इन लोगों का जो बर्ताव रहा है, उसे तो बिहार के लोग कभी नहीं भूल सकते. रंगदारी दी तो बचेंगे, नहीं तो किडनैपिंग इंडस्ट्री (अपहरण उद्योग) का कॉपीराइट तो उन लोगों के पास ही है. इसलिए, इनसे सावधान रहना है.’

उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व की सरकारों का मंत्र ‘पैसा हजम परियोजना खत्म’ था और उन्हें ‘कमीशन’ शब्द से इतना प्रेम था कि ‘कनेक्टिविटी’ (संपर्क) पर कभी ध्यान ही नहीं दिया और ऐसे लोग बिहार के हित के बारे में नहीं सोच सकते.

मोदी ने दावा किया, ‘सरकारी नौकरी तो छोड़िए, इन लोगों के आने का मतलब है, नौकरी देने वाली प्राइवेट कंपनियां भी बिहार से भाग जाएंगी.’

प्रधानमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन समझा जाता है कि उनका संकेत बिहार में लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती राजद सरकार के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर था.

 

एनडीए के पक्ष में जनादेश की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एक तरफ एनडीए है, आत्मनिर्भर बिहार बनाने का संकल्प लेकर खड़ा है. दूसरी तरफ, ये लोग हैं जो बिहार की विकास परियोजनाओं के पैसों पर नजरें गड़ाए हुए हैं.’

राजद सहित विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने लोगों को सचेत किया कि ऐसे दल जिन्होंने बिहार को अराजकता दी, कुशासन दिया, वे फिर मौका खोज रहे हैं.

उन्होंने दावा किया कि जिन्होंने बिहार के नौजवानों को गरीबी और पलायन दिया, सिर्फ अपने परिवार को हजारों करोड़ का मालिक बना दिया, वे फिर मौका चाहते हैं.

राजद सहित विपक्ष के विकास एवं रोजगार के वादे पर तंज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वे दल जो बिहार के उद्योगों को बंद करने के लिए बदनाम हैं, जिनसे निवेशक कोसों दूर भागते हैं, वो लोग बिहार के लोगों को विकास के वायदे कर रहे हैं.’

गौरतलब है कि राजद नेता तेजस्वी यादव अपनी चुनावी सभाओं में 10 लाख नौकरी देने और विकास के मुद्दे को उठा रहे हैं. मोदी ने कहा, ‘एनडीए बिहार को फिर से बीमार होने से बचाएगा और विकास के पथ पर ले जाएगा. ’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दरभंगा और पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मंच साझा किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने नीतीश की तारीफ करते हुए उन्हें ‘भावी मुख्यमंत्री’ बताया और बिहार के आर्थिक विकास का उन्हें श्रेय दिया.

अध्योया में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने का जिक्र करते हुए मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, ‘वे सियासी लोग, जो बार-बार हमसे तारीख पूछा करते थे, वे बहुत मजबूरी में हैं. आज वे लोग भी तालियां बजा रहे हैं. ’

उन्होंने कहा कि बीते 15 वर्षों में बिहार नीतीश कुमार के नेतृत्व में बहुत आगे बढ़ा है और आज मां सीता अपने नैहर (मायके) को तो प्रेम से निहार ही रही होंगी.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान आरक्षण को 10 वर्ष के लिए बढ़ाने, गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने सहित सरकार की जन कल्याण योजनाओं का भी जिक्र किया.

प्रधानमंत्री अपने भाषणों में बेरोजगारी पर कुछ नहीं बोलते: राहुल गांधी

वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने भाषणों में वह दूसरे देशों की बात  करते हैं लेकिन अपने देश के समक्ष पेश आ रही बेरोजगारी जैसी समस्याओं पर कुछ नहीं बोलते.

अपने दूसरे चरण के चुनाव प्रचार अभियान के तहत पश्चिमी चंपारण के बाल्मिकीनगर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बेरोजगारी और पलायन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी घेरा.

राहुल गांधी ने हाल ही में बने कृषि कानूनों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आमतौर पर दशहरे में रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं, लेकिन पंजाब में इस बार प्रधानमंत्री और अंबानी, अडाणी के पुतले जलाए गए.

उन्होंने कहा कि इस बार पूरे पंजाब में दशहरे पर रावण नहीं, नरेंद्र मोदी, अंबानी और अडाणी का पुतला जलाया गया. राहुल ने कहा, ‘ये दुख की बात है, लेकिन ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि किसान परेशान हैं.’

उन्होंने केंद्र एवं बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज गन्ना किसान सहित हर किसान समझता है कि चाहे वह कुछ कर ले, उसे उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल सकता.

पलायन का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि यहां के लोग अपने प्यारे प्रदेश को छोड़कर जाने को मजबूर हैं, ये लोग बेंगलूर, दिल्ली, मुम्बई जाते हैं लेकिन अपनी खुशी से नहीं जाते हैं.

उन्होंने कहा कि यहां के लोग प्रदेश छोड़कर जाने को मजबूर हैं क्योंकि बिहार को नष्ट कर दिया गया है. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने दो करोड़ रोजगार की बात कही थी लेकिन क्या रोजगार मिला?

राहुल ने कहा कि अब अगर प्रधानमंत्री मोदी यहां आकर दो करोड़ रोजगार की बात बोल दें तो शायद भीड़ उन्हें भगा देगी.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हर तरह की बात करते हैं, दूसरे देशों की बात करते हैं लेकिन देश की सबसे बड़ी समस्या, बेरोजगाी के बारे में बात नहीं करते.

राहुल गांधी ने रोजगार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बिहार के लोगों को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, बेंगलुरु में रोजगार मिलता है लेकिन बिहार में नहीं मिलता और यह नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की कमी है.

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम रोजगार देना जानते हैं, विकास करना जानते हैं लेकिन हमें झूठ बोलना नहीं आता और हम स्वीकार करते हैं कि यह हम में कमी है.’

राहुल ने प्रधानमंत्री का नाम लिए बिना कहा, ‘मैं इस बात को स्वीकारता हूं कि हम झूठ बोलना नहीं जानते हैं, इस मामले में हमारा उनसे कोई मुकाबला ही नहीं है.’

उन्होंने रैली में मौजूद दीपक गुप्ता नाम के एक युवक का नाम लेते हुए कहा कि मोदी जी ने दीपक गुप्ता को नौकरी से निकाल दिया.

राहुल ने दीपक से पूछा- आप दिल्ली में क्या काम करते थे, जवाब आया कि मेट्रो में. इस पर राहुल ने कहा कि बिहार मेट्रो में दीपक को इसलिए काम नहीं मिला क्योंकि यहां मेट्रो ही नहीं है.

लॉकडाउन के दौरान पैदल चलकर बिहार लौटे मजदूरों के मुद्दे को उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मजदूरों के लिए प्रधानमंत्री ने कोई इंतजाम नहीं किया गया, मजदूरों को पैदल दौड़ाया गया.

उन्होंने कहा, ‘मैंने मजदूरों से मुलाकात की, उन्होंने बताया कि हमें दो तीन दिन दे देते तो घर चले जाते.’

गांधी ने अपने संबोधन के दौरान नोटबंदी और लॉकडाउन का मुद्दा उठाया और कहा कि इसके कारण किसानों, मजदूरों, छोटे व्यापारियों, कारोबारियों और दुकानदारों के धंधे को नष्ट कर दिया.

उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी के कारण गरीबों की जेब से पैसे निकाल लिए गए लेकिन अंबानी और अडाणी जैसे उद्योगपतियों की जेब से नहीं.

राहुल ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)सरकार के कामकाज का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय मनरेगा, खाद्य योजना बनाई गई और किसानों का कर्ज माफ किया गया.

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा के चुनाव के प्रचार के लिए राहुल गांधी दूसरी बार बिहार आए हैं. राहुल गांधी ने इससे पहले 23 अक्टूबर को नवादा के हिसुआ और भागलपुर के कहलगांव में चुनावी सभा को संबोधित किया था.

राहुल गांधी ने आज बाल्मिकीनगर में चुनावी रैली को संबोधित किया जहां लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव होने वाले हैं और इसके लिए विधानसभा के दूसरे चरण के साथ तीन नवंबर को मतदान होगा.

कांग्रेस ने बाल्मिकीनगर लोकसभा सीट पर प्रवेश कुमार मिश्रा को मैदान में उतारा है.

बीपीएससी के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ाएंगे, फॉर्म फीस माफ होगी- तेजस्वी

राजद नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को नौकरी संवाद में कहा कि अगर सत्ता में आए तो वह बीपीएससी उम्मीदवारों की सभी श्रेणियों के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ा देंगे और उनकी सरकार शिक्षा पर राज्य के बजट का 22 प्रतिशत खर्च करेगी.

उन्होंने परीक्षाओं के फॉर्म फीस माफ करने और परीक्षा केंद्रों तक जाने का इंतजाम करने की भी बात कही. उन्होंने 85 फीसदी नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने का भी वादा किया.

विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) न तो समय पर कोई परीक्षा आयोजित करता है और न ही समय पर परिणाम की घोषणा करता है, युवा बीपीएससी कार्यालय के बाहर इंतजार करते रहते हैं कि और यह पूछते फिरते हैं कि क्या 2014 की परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि बीपीएससी द्वारा देरी के कारण आयु सीमा पार कर जाने के कारण कई उम्मीदवार परीक्षा मे शामिल होने से वंचित रह जाते हैं.

तेजस्वी ने पूछा, ‘अगर बीपीएससी (परीक्षा आयोजित करने और परिणाम की घोषणा करने में) देरी करती है, बिहार के युवा क्यों नुकसान उठाए? हम सामान्य और साथ ही आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा बढ़ाएंगे.’

उन्होंने यह भी कहा, ‘अनुबंध प्रणाली को समाप्त कर स्थायी आधार पर लोगों को रोजगार देने के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता है.’

तेजस्वी ने आरोप लगाया, ‘बिहार के युवा और छात्र नीतीश सरकार से पूरी तरह निराश हैं.’

इससे पहले दिन में साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि अगर सत्ता में आए तो ‘हम कुल बजट का 22 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करेंगे.’

तेजस्वी पूर्व में यह घोषणा कर चुके हैं कि अगर वे सत्ता में आए तो वे पहली ही कैबिनेट में सरकार में 10 लाख नौकरियों को मंजूरी देंगे.

करात ने एनडीए को ‘विनाश गठबंधन’ कहा

माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने एनडीए को ‘राष्ट्रीय विनाश गठबंधन’ की संज्ञा देते हुए मंगलवार को दावा किया कि इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन की विदाई तय है.

यहां स्थित माकपा के राज्य कार्यालय में संवाददाताओं के साथ बातचीत में करात ने दावा कि बिहार में एनडीए गठबंधन की विदाई तय है.

उन्होंने एनडीए को ‘राष्ट्रीय विनाश गठबंधन’ की संज्ञा देते हुए आरोप लगाया कि पूरी दुनिया ने पिछले नौ महीने में केंद्र और राज्य सरकार की चौतरफा विफलता तथा दमन को देखा है.

करात ने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि बिहार पर इसका खास असर पड़ा है.

बिहार के लाखों मजदूर भूख-प्यास सहते अपनी जिंदगी गंवाते हजारों किलोमीटर की दूरी तय करते हुए वापस लौट रहे थे.

उन्होंने कहा कि बिहार की हृदयहीन सरकार पहले तो उन मजदूरों को रोकने की कोशिश में लगी रही और बाद में उन्हें प्रदेश में ही रोजगार देने की घोषणा की गई. उन्हें जब काम नहीं मिला तो फिर से वे दूसरे राज्यों में लौट गए.

करात ने कहा कि बिहार का चुनाव रोजी, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर लड़ा जा रहा है और विपक्षी महागठबंधन के घोषणा पत्र में वो तमाम बातें है, जिसके लिए माकपा एवं वामपंथी दल लड़ते रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इस बार तमाम वामपंथी दलों एवं महागठबंधन के बड़े दल एक साथ मिलकर चुनाव में एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं. बिहार की जनता में बदलाव की चाहत स्पष्ट दिखाई पड़ रही है. महागठबंधन एवं वामपंथी दलों को भारी बहुमत मिलेगा और बिहार पूरे देश को बदलाव का संदेश देगा.

इस दौरान माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार और केंद्रीय कमेटी सदस्य अरुण मिश्रा भी उपस्थित थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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