2014-15 से 2020-21 के बीच सरकार ने जनता से पेट्रोल-डीज़ल पर 14.4 लाख करोड़ रुपये का उत्पाद शुल्क वसूला

वित्त राज्‍य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि पेट्रोल (अनब्रांडेड) पर केंद्रीय उत्‍पाद शुल्‍क 32.90 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीज़ल (अनब्रांडेड) पर यह 31.80 रुपये प्रति लीटर है. बीते 19 जुलाई को केंद्र सरकार ने बताया था कि वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल-डीज़ल पर केंद्र की ओर से लगाए जाने वाले उत्पाद शुल्क के ज़रिये राजस्व का संग्रह 88 प्रतिशत बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गया.

वित्त राज्‍य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि पेट्रोल (अनब्रांडेड) पर केंद्रीय उत्‍पाद शुल्‍क 32.90 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीज़ल (अनब्रांडेड) पर यह 31.80 रुपये प्रति लीटर है. बीते 19 जुलाई को केंद्र सरकार ने बताया था कि वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल-डीज़ल पर केंद्र की ओर से लगाए जाने वाले उत्पाद शुल्क के ज़रिये राजस्व का संग्रह 88 प्रतिशत बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गया.

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को कहा कि 2014-15 से 2020-21 के बीच पेट्रोल और डीजल पर लागू केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में करीब 14.4 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं.

वित्त राज्‍य मंत्री पंकज चौधरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2014-15 से 2020-21 के दौरान पेट्रोल और डीजल से कुल केंद्रीय उत्‍पाद शुल्‍क, जिनमें उपकर भी शामिल हैं, करीब 14.4 लाख करोड़ रुपये संग्रहित किए गए हैं.’

उन्होंने बताया कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें बाजार निर्धारित हो गई हैं और इसकी कीमतों में जल्‍दी-जल्‍दी परिवर्तन होते रहते हैं. इसके अलावा इनकी कीमतों में राज्‍य-वार भी भिन्‍नताएं होती हैं.

चौधरी ने कहा कि पेट्रोल (अनब्रांडेड) पर केंद्रीय उत्‍पाद शुल्‍क 32.90 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल (अनब्रांडेड) पर यह 31.80 रुपये प्रति लीटर है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केंद्रीय करों और शुल्कों में कर-वार हिस्सा वित्त आयोग द्वारा की गई अनुमोदित सिफारिशों के अनुसार हर महीने जारी किया जाता है.

उन्होंने कहा कि राज्य पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर ‘वैट’ एकत्र करते हैं, जो राज्यों के बीच भिन्न होता है.

बता दें कि बीते 19 जुलाई को केंद्र सरकार ने बताया था कि पिछले वित्त वर्ष में पेट्रोल-डीजल पर केंद्र की ओर से लगाए जाने वाले उत्पाद शुल्क के जरिये राजस्व का संग्रह 88 प्रतिशत बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गया.

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में बताया था कि वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क का संग्रह बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इससे एक साल पहले 1.78 लाख करोड़ रुपये था.

वहीं, 2018-19 में पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क के जरिये 2.13 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का संग्रह हुआ था.

उन्होंने कहा था कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान पेट्रोल की कीमत में 39 बार और डीजल में 36 बार वृद्धि की गई है. इस दौरान एक बार पेट्रोल की कीमत में और दो बार डीजल की कीमत में कटौती की गई है. हालांकि, बाकी दिनों में कोई बदलाव नहीं हुआ.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)