​हांगकांग अब चीन से अलग स्वायत्त नहीं रहा: अमेरिकी विदेश मंत्री

चीन से अलग स्वायत्त क्षेत्र मानने से इनकार करने के बाद हांगकांग को पिछले 23 साल से अमेरिका से मिल रहे विशेष व्यापार और वित्तीय दर्जे का लाभ नहीं मिलेगा. The post ​हांगकांग अब चीन से अलग स्वायत्त नहीं रहा: अमेरिकी विदेश मंत्री appeared first on The Wire - Hindi.

चीन से अलग स्वायत्त क्षेत्र मानने से इनकार करने के बाद हांगकांग को पिछले 23 साल से अमेरिका से मिल रहे विशेष व्यापार और वित्तीय दर्जे का लाभ नहीं मिलेगा.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो. (फोटो: रॉयटर्स)

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो. (फोटो: रॉयटर्स)

वॉशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने निचले सदन कांग्रेस को बताया कि अब ट्रंप प्रशासन हांगकांग को चीन से अलग स्वायत्त क्षेत्र के रूप में नहीं मानता है.

समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, इसके साथ ही अमेरिका ने संदेश दे दिया है चीन के शासन को ठुकराने के बाद पिछले 23 साल से विशेष व्यापार और वित्तीय दर्जे का लाभ उठा रहे हांगकांग को अब वे लाभ नहीं मिल पाएंगे.

पोम्पिओ ने बुधवार को एक बयान में कहा कि जुलाई 1997 से पहले हांगकांग में लागू अमेरिकी कानूनों की तरह अब उसे अमेरिकी कानूनों का लाभ नहीं मिल पाएगा.

हांगकांग में चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों को लागू किए जाने के बीच अमेरिकी कांग्रेस और उसके बाहर उठ रहे सवालों को लेकर पोम्पिओ ने यह सफाई दी है.

इस घोषणा के तत्काल बाद ट्रंप के सहयोगी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने हांगकांग के लोकतंत्र और उसकी स्वतंत्रता को खत्म करने के लिए चीन पर जुर्माना लगाने की मांग की.

पोम्पिओ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन और व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हसेट जैसे वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने हाल के दिनों में चेतावनी दी थी कि अगर वह ऐसे कदम उठाता रहेगा तो हांगकांग एशियाई वित्तीय क्षेत्र नहीं रह जाएगा.

पोम्पिओ ने कहा, ‘बीजिंग का विनाशकारी निर्णय उन कार्रवाइयों में से एक है जो हांगकांग की स्वायत्तता और स्वतंत्रता के साथ चीन द्वारा हांगकांग के साथ किए गए वादे को मौलिक रूप से कमजोर करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘कोई भी व्यक्ति आज यह दावा नहीं कर सकता कि हांगकांग चीन से उच्च स्तर की स्वायत्तता रखता है.’

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, पूर्वी एशिया के लिए विदेश विभाग के सहायक सचिव डेविड स्टीलवेल ने कहा कि ट्रंप हांगकांग पर वीजा और आर्थिक प्रतिबंध सहित कई प्रतिबंध लगा सकते हैं.

इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन चीन की योजना के खिलाफ प्रतिक्रिया के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात के लिए हांगकांग की रियायती दरों को निलंबित करने पर विचार कर रहा है.

सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप नए कानूनों को लागू करने से जुड़े चीन के अधिकारियों, सरकारी संस्थाओं और व्यवसायों के खिलाफ लक्षित प्रतिबंधों का भी विकल्प चुन सकते हैं.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बुधवार को कहा कि हांगकांग के मामले में किसी भी गैरजरूरी विदेशी हस्तक्षेप का चीन मुंहतोड़ जवाब देगा.

पिछले हफ्ते लाए गए चीन के सुरक्षा प्रस्ताव के कारण हांगकांग में महीनों से बंद प्रदर्शन एक बार फिर से शुरू हो गए. हांगकांग पुलिस ने बुधवार को 360 प्रदर्शनकारियों गिरफ्तारियां कीं.

मालूम हो कि हांगकांग ब्रिटिश उपनिवेश रहा है. साल 1997 में इसे ‘एक देश दो सरकार’ सिद्धांत के तहत चीन को सौंप दिया गया था. इस सिद्धांत के तहत हांगकांग को एक तरह की स्वायत्तता मिली हुई है.

हांगकांग का शासन 1200 सदस्यों की चुनाव समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा चलाया जाता है.

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