उत्तर प्रदेश: अलीगढ़ में सीएए विरोधी प्रदर्शन में हुई हिंसा में पांच घायल, इंटरनेट बंद

06:35 PM Feb 24, 2020 | द वायर स्टाफ

अलीगढ़ के अपर कोट क्षेत्र में रविवार को महिलाओं को पुलिस द्वारा नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने की अनुमति न देने की बात कहकर रोकने के कोशिश की गई जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. हिंसा के बाद क्षेत्र में सोमवार आधी रात तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है.

फोटो: पीटीआई

अलीगढ़: सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच रविवार को हुई हिंसक झड़प के बाद अलीगढ़ शहर कोतवाली और दिल्ली गेट इलाकों में सोमवार को तनाव व्याप्त है. 24 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया है.

आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनंद ने बताया कि रविवार शाम को हुई वारदात के बाद से अब तक ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. पुराने शहर के प्रभावित इलाकों में सोमवार को कुछ दुकानें खुलीं, मगर ज्यादातर के शटर बंद रहे. जिला प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है और दुकानदारों में विश्वास भरने की कोशिश की जा रही है कि वे निडर होकर अपनी दुकानें खोलें.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक रविवार को कोतवाली, दिल्ली गेट और सिविल लाइंस इलाकों में हिंसक झड़पों के विभिन्न मामलों में 40 नामजद समेत 350 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. झड़पों में पांच लोगों के घायल होने की खबर है.

अपर पुलिस महानिदेशक आनंद के मुताबिक रविवार को अपर कोट इलाके में हुई हिंसा में गोली लगने से घायल 22 वर्षीय तारिक की हालत अब स्थिर है और उसे जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑपरेशन के बाद ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में दाखिल किया गया है.

उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर उसे दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया जाएगा, हालांकि डॉक्टर उसकी स्थिति को लेकर संतुष्ट हैं.

आनंद ने कहा कि पुलिस रविवार को हुई हिंसक घटनाओं में शामिल अराजक तत्वों की पहचान करने में जुटी है और उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि कार्रवाई के साथ-साथ प्रभावित इलाकों में धर्मगुरुओं की मदद से स्थिति सामान्य करने का प्रयास भी किया जा रहा है.

इस बीच जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने कहा है कि अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा और उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होगी. उन्होंने यह भी बताया कि जिले में इंटरनेट सेवाएं सोमवार आधी रात तक बंद रहेंगी.

मालूम हो कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ अलीगढ़ शहर में रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त झड़प हो गई थी. इस दौरान हुए पथराव के बीच पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया था.

जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि अपर कोट इलाके में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोग हिंसा पर उतारू हो गये और उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया.

उन्होंने बताया कि यह घटना उस वक्त घटी जब पुलिस ने शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहम्मद अली रोड पर गत शनिवार से जारी धरना प्रदर्शन के स्थल को खाली कराने की कोशिश की.

शाम करीब पांच बजे जब पुलिस ने अपरकोट क्षेत्र में महिला प्रदर्शनकारियों को यह कहते हुए रोकने की कोशिश की कि ईदगाह इलाके में सीएए के खिलाफ पिछले शनिवार से ही प्रदर्शन चल रहा है. ऐसे में प्रदर्शनकारियों को कोतवाली के नजदीक प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा सकती.

जिलाधिकारी ने बताया कि जब शहर मुफ्ती अब्दुल खालिद समेत प्रबुद्ध मुस्लिम वर्ग के लोगों की मदद से हालात को संभालने की कोशिश की जा रही थी, तभी भीड़ में से किसी ने पथराव शुरू कर दिया. उसके बाद स्थिति बिगड़ने लगी. इस दौरान दंगाइयों ने बिजली का एक ट्रांसफार्मर जलाने की कोशिश की लेकिन उसे जल्द बुझा लिया गया.

सिंह ने बताया कि स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है, इलाके में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है और उन लोगों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है जो शनिवार से ही महिलाओं को अपर कोट इलाके में प्रदर्शन करने के लिए उकसा रहे थे.

इस बीच अलीगढ़ परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रीतिंदर सिंह ने प्रदर्शनकारियों द्वारा नजदीक के एक मंदिर में पथराव किए जाने की खबर को गलत बताते हुए कहा कि मंदिर में कहीं कोई तोड़फोड़ नहीं हुई है.

उन्होंने बताया कि पुलिस जीप पर पथराव के मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. हम सीसीटीवी कैमरा की फुटेज खंगाल रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इसके पूर्व अलीगढ़ पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स ने रविवार को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कचहरी जा रहे भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को रास्ते में ही रोक लिया था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि भीम आर्मी से जुड़े प्रदर्शनकारी जब पुराने शहर से कटपुला पुल को पार करने जा रहे थे, तभी बड़ी संख्या में पुलिस और रेपिड एक्शन फोर्स के जवानों द्वारा उन्हें रोक लिया गया.

पुलिस द्वारा अवरोध उत्पन्न किये जाने के बाद प्रदर्शनकारी ईदगाह की तरफ चले गये जहां बड़ी संख्या में महिलाएं सीएए के खिलाफ पिछले तीन हफ्तों से प्रदर्शन कर रही हैं. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजमुनि ने बताया कि इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर माहौल खराब करने की कोशिश के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है.

विधानसभा में विपक्ष ने किया वॉक आउट

दैनिक भास्कर के मुताबिक रविवार को अलीगढ़ में बवाल मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के विधायकों ने विधानसभा में हंगामा किया. सपा नेता विपक्ष राम गोविंद चौधरी ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि अलीगढ़ पुलिस ने महिलाओं पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस गोले दागे. हंगामे के बाद सपा और कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया.

इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना का कहना था, ‘हर बार एक ही मुद्दा उठाकर सदन का समय बर्बाद किया जा रहा है. मैं पूछना चाहता हूं कि विरोध-प्रदर्शनों को हवा कौन दे रहा है? यूपी में कौन सीएए से प्रभावित है?’

नेता विपक्ष चौधरी ने प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा के लिए जोर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि संसदीय कार्यमंत्री इससे बचने की कोशिश कर रहे हैं. इस पर मंत्री ने कहा कि हमारे पास हर चीज का जवाब है और कानून व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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